UPI बना ग्राहकों के लिए सरदर्द

IIT Delhi के रिसर्च के मुताबिक UPI के चलन से खर्चों में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है

हाल ही में IIT दिल्ली की एक रिसर्च में पाया गया है कि UPI के चलन में आने से रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाले खर्चो में बेतहाशा वृद्धि हुई है

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UPI payment

IIT के इस शोध की मानें तो सर्वे में शामिल लोगों का मानना है कि जब भी वे किसी particular चीज़ को खरीदने जाते हैं तो दुकान से कुछ गैर जरूरी सामान भी ले लेते हैं क्योंकि वहाँ payment की चिंता नहीं होती क्योंकि online पेमेंट से 100 रुपए भेजना हो या 1000 रुपये ,भुगतान की मानसिक चिंता नहीं होती,जबकि यदि यही खरीददारी नकद करनी हो तो हमें यह ध्यान देना पड़ता है कि हमारे wallet में कितने रुपये नकद पड़े हैं।

रिसर्च में शामिल लोगों का दावा है कि पहले उनके expense सैलरी का 25-40% तक होते थे जबकि upi पेमेंट से उनके खर्चें बढ़कर 60-70% हो गए हैं, हालांकि खर्चें बढ़ने का एक मुख्य कारण महंगाई भी है।

आइये समझते हैं UPI काम कैसे करता है और इसकी शुरुआत कब हुई

यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) एक ऐसी प्रणाली है जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लीकेशन (किसी भी सहभागी बैंक का) में जोड़ती है, जिससे कई बैंकिंग सुविधाएँ, सहज फंड रूटिंग और मर्चेंट भुगतान एक ही जगह पर मिल जाते हैं। यह “पीयर टू पीयर” संग्रह अनुरोध को भी पूरा करता है जिसे आवश्यकता और सुविधा के अनुसार शेड्यूल और भुगतान किया जा सकता है।

भारत में UPI की शुरुआत NPCI ने 21 सदस्य बैंकों के साथ एक पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लॉन्च किया। पायलट लॉन्च 11 अप्रैल 2016 को RBI के गवर्नर डॉ. रघुराम राजन द्वारा मुंबई में किया गया। बैंकों ने 25 अगस्त, 2016 से Google Play स्टोर पर अपने UPI सक्षम ऐप अपलोड करना शुरू कर दिया ।

UPI पेमेंट दुनिया मे सर्वाधिक भारत में होता है, UPI पेमेंट भारत के सामान्य जनमानस के रोजमर्रा का विषय बन चुका है जबकि बात अगर शहरों की करें तो वहाँ की अधिकांश आबादी जो कि युवा वर्ग से हैं वो पॉकेट में पर्स लेके चलना भी भूल चुके हैं।
भारत में होने वाले ऑनलाइन पेमेंट जो अधिकतर UPI के अंतर्गत होते हैं, विदेशी यात्रियों के लिए एक कौतूहल का विषय है, क्योंकि यहां सड़क के किनारे एक चाय की दुकान हो या फल सब्जी बेचने वाला ,आज सभी UPI भुगतान को सहज लेते हैं।
हालांकि भारत ने UPI के क्षेत्र में जो मुकाम हासिल किया है वह बड़े बड़े विकसित देश भी नही कर पाएं हैं, इसकी सफलता का प्रमुख कारण नोट बंदी को माना जाता है।

अब भारत मे NRI भी कर सकेंगे UPI से पेमेंट

हाल ही में भारत सरकार के आग्रह पर NCPI ने भारत से बाहर रहने वाले NRI’s को भी UPI पेमेंट के अंतर्गत शामिल किया है। फिलहाल यह सुविधा कुछ चुनिंदा बैंकों के द्वारा शुरू कर दी गई है जिसे भविष्य में विस्तारित किया जायेगा।

भारत विश्व का पहला ऐसा देश है जिसनें इतने कम समय मे सर्वाधिक UPI से भुगतान का रिकार्ड बनाया है हालांकि अब नई नई रिसर्च में ये दावा किया जा रहा है कि इसने बचत को हतोत्साहित किया है और फिजूलखर्ची को बढ़ावा दिया है

लेकिन दूसरे पहलू पर बात करें तो ये उन लोगों के लिए बचत का भी जरिया बन चुका है जो ज्यादातर नकद भुगतान करते हैं, क्योंकि UPI से उनके खाते में जो राशि जमा हो जाती है उसे वो जल्दी वापस बैंक से निकालते नही हैं क्योंकि बैंक में जाना और नकद की निकासी करना UPI जितना आसान तो नही है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में ये बचत और भी बढ़ जाती है क्योंकि वहाँ बैंक दूर दराज होते हैं, और सार्वजनिक साधन की कमी भी होती है

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